बदली जीवनशैली और खराब खानपान के कारण लिवर का फैटी होना सामान्य सी बात होती जा रही है. लिवर के फैटी होने का शुरुआत में ही पता चल जाए तो इलाज आसान होता है. कई बार तो दवाओं की भी जरूरत नहीं होती. लेकिन, यदि यह दूसरी स्टेज में पहुंच जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है. लिवर के फैटी होने से पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है. इसके कारण कई तरह के गंभीर रोग भी हो सकते हैं. यदि आपका भी लिवर फैटी होना शुरू हो गया है डॉक्टर के बताए इन तरीकों से आप लिवर पर बढ़े फैट को कम कर सकते हैं.
बदली जीवनशैली और खानपान के कारण अक्सर बहुत कम आयु में ही लिवर के फैटी होने की शिकायत होने लगी है. लिवर के फैटी होने का कारण लिवर पर वसा का जमना होता है. इसका मुख्य कारण शराब का अत्यधिक सेवन माना जाता है, लेकिन शराब के अलावा भी लिवर पर वसा जमा होने के कई कारण होते हैं. लिवर फैटी होने से उसका कार्य प्रभावित होता है. फैटी लिवर के लिए प्राकृतिक उपचार तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. किस तरह के कर सकते हैं फैटी लिवर का प्राकृतिक उपचार बता रहे हैं कि आयुर्वेदिक डॉक्टर अमित मुदगल.
लिवर के फैट को कैसे कम करें
एम्स में गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉ. अनन्य गुप्ता बताते हैं कि लिवर के फैटी होने की शुुरूआती स्टेज में इस पर जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके अलावा कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखने पर भी समस्या कम होती है. लिवर पर फैट जमा होने का पता लगते ही आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. सबसे पहले तो शराब और फैट वाले भोजन को आहार से हटा देना चाहिए. इसेक साथ ही हल्दी, मिल्क थीस्ल और ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए.
कैसे अपनाएं प्राकृतिक इलाज
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि सबसे पहले दिनचर्या में सुधार करना चाहिए. पर्याप्त नींद लें और व्यायाम जरूर करें. हल्दी लिवर की चर्बी और सूजन को कम करता है. हल्दी को सुबह हल्के गर्म पानी के साथ लेना चाहिए. मिल्क थीस्ल में सिलीमारिन होता है जो लिवर की कोशिकाओं की सुरक्षा करता है. ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लीवर में फैट को कम करते हैं.
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