सीडीएस जनरल अनिल चौहान पुणे में ‘फ्यूचर वॉर्स एंड वॉर्सफेयर’ विषय पर अपनी बात रखी. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले, भारत के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर बात की. पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी देते हुए अनिल चौहान ने कहा कि भारत आतंकवाद और परमाणु हमले की धमकी के साये में जीने वाला देश नहीं है. पहलगाम में हद दर्जे की क्रूरता हुई थी. ऑपरेशन सिंदूर के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को रोकने की सोच थी. जो ऑपरेशन उन्होंने सोचा था कि 48 घंटे तक चलेगा, वो 8 घंटे में बंद हो गया. पेशेवर सैन्य बल नुकसान के बारे में नहीं सोचते. उन पर नुकसान का असर नहीं होता है. युद्ध में नुकसान नहीं परिणाम महत्वपूर्ण होते हैं. भारत की ड्रोन क्षमता पाकिस्तान से बेहतर है. वो आतंकवाद पर लगाम लगाए.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा, युद्ध उतना ही पुराना है जितना कि मानव सभ्यता. किसी भी तरह के युद्ध में दो महत्वपूर्ण तत्व होते हैं- हिंसा और हिंसा के पीछे की राजनीति. तीसरा पॉइंट है कम्युनिकेशन, जो लगातार हो रहा है. 10 मई को करीब 1 बजे पाकिस्तान का टारगेट 48 घंटों में भारत को भारी नुकसान पहुंचाना था. सीमा पार से कई हमले किए गए. पाकिस्तान ने इस संघर्ष को बढ़ाया. हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था.
आसिम मुनीर ने जहर उगला था
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा, इसके बाद पाकिस्तान ने कॉल की और कहा कि बात करना चाहते हैं. ऑपरेशन सिंदूर में युद्ध के साथ ही राजनीति भी बराबर हो रही थी. युद्ध राजनीति का हिस्सा होता है. पाकिस्तान के आतंकवाद प्रेम पर उन्होंने कहा कि उसका मकसद भारत को जख्म देना है. पहलगाम में जो कुछ हुआ, उससे कुछ हफ्ते पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था.